Thursday, September 12, 2024

उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के EWS विवाद में 19 सितंबर को होगी अंतिम बहस, इसके बाद साफ होगी भर्ती की स्थिति


उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के EWS विवाद में 19 सितंबर को होगी अंतिम बहस, इसके बाद साफ होगी भर्ती की स्थिति

मध्यप्रदेश में 848 ईडब्ल्यूएस भर्ती के कारण 2023 की भर्ती रुकी पड़ी है। इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने गुरुवार, 12 सितंबर की सुनवाई में यह दलील भी दी कि शैक्षणिक सत्र के तीन माह बीत चुके हैं, स्कूल और बच्चे दोनों अंधेरे में है...


उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती का मामला अब एक सप्ताह में सुलझने की ओर है। ईडब्ल्यूएस के 848 पदों की भर्ती विवाद के कारण यह 2023 की भर्ती भी ऐनवक्त पर रुक गई है। इसके चलते स्कूल शिक्षक विहीन है और शैक्षणिक सत्र के तीन माह गुजर चुके हैं। इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट डबल बैंच में गुरुवार को सुनवाई हुई।

सुनवाई में यह हुआ

सुनवाई में कुल चार याचिकाएं लगी हुई थी। इसमें एक्टिंग चीफ जस्टिस की डबल बैंच ने सुनवाई की और इसे अंतिम बहस के लिए 19 सितंबर को रखने का आदेश दिया। हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से यह कहा गया कि स्कूलों में इसके चलते भर्ती रुकी हुई है और शिक्षक और बच्चों दोनों के भविष्य पर संकट आ गया है। इस पर बैंच ने कहा कि जल्द इसे 19 सितंबर को फाइनल हियरिंग करेंगे। 

क्या है यह केस 


दरअसल यह केस 848 ईडब्ल्यूएस के पदों को लेकर साल 2018 की भर्ती परीक्षा का है। जब परीक्षा नोटिफिकेशन आया तब यह ईडब्ल्यूएस पद नहीं थे, लेकिन बाद में इसका नोटिफिकेशन हुआ। इसमें पहली काउंसलिंग में तो इन पदों पर भर्ती हो गई, लेकिन बाद में दूसरी काउंसलिंग में विवाद हुआ और कुछ लोगों ने यह विरोध किया कि जब नोटिफिकेशन के समय यह पद नहीं थे तो भर्ती नहीं होना चाहिए। विवाद कोर्ट में गया जिसमें 23 फरवरी 2024 को जस्टिस ने आदेश दिए कि इसमें पात्रता परीक्षा में 75 अंक लाने वालों की मेरिट बनाने की प्रक्रिया करने और तब तक भर्ती पर रोक के लिए कहा। 


डीपीआई चला गया अपील में

इस आदेश के खिलाफ डीपीआई अपील में चला गया। उधर कुछ अन्य याचिकाकर्ता भी चले गए। इस तरह चार याचिकाएं इस केस को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में चल रही है। इसमें सुनवाई के दौरान लिखित में तो नहीं, लेकिन मौखिक तौर पर निर्देश दिए गए कि सिंगल बैंच के आर्डर पर यथास्थिति बनाए रखिएगा। इसके बाद शासन ने भर्ती परीक्षा 2023 में पास हुए उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन के काम तो करा लिए, लेकिन जॉइनिंग लैटर देना रोक लिया। तभी से यह जॉइनिंग रुकी हुई है।

डीपीआई कोर्ट में दे चुका अब 2018 की कोई भर्ती नहीं बची

उधर डीपीआई आयुक्त शिल्पा गुप्ता तो कोर्ट में जुलाई 2024 की सुनवाई के दौरान लिखित में दे चुकी है कि वर्तमान में 2018 की भर्ती परीक्षा को लेकर किसी तरह की भर्ती नहीं बची है। ऐसे में अब कोर्ट को तय करना है कि 848 ईडब्ल्यूएस भर्ती का क्या किया जाना है और जो 2023 की भर्ती रुकी पड़ी है इसमें आगे क्या किया जाना है। इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने गुरुवार की सुनवाई में यह दलील भी दी कि शैक्षणिक सत्र के तीन माह बीत चुके हैं, स्कूल और बच्चे दोनों अंधेरे में है। इस पर 19 सितंबर को फाइनल सुनवाई की बात कही गई।



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Sunday, September 8, 2024

MPTET : मध्य प्रदेश: पहली भर्ती ही पूरी नहीं, अब शिक्षक भर्ती 2023 की नियुक्तियां भी अटकी!

MPTET   : मध्य प्रदेश: पहली भर्ती ही पूरी नहीं, अब शिक्षक भर्ती 2023 की नियुक्तियां भी अटकी!


स्कूल शिक्षा विभाग के जनजातीय कार्य विभाग के पात्रता शिक्षक भर्ती 2018 के करीब 7 हजार चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के इंतजार में है...।
भोपाल स्थित शिक्षण संचालनालय कार्यालय परिसर.

भोपाल। शिक्षक भर्ती 2018 के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पूरी तक नहीं हो पाई और अब शिक्षक भर्ती चयन परीक्षा 2023 वर्ग-1 के 4 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र भी अटक गए है। स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षक के नियुक्ति के लिए पात्र 4921 अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट बीते 20 फरवरी को जारी हो चुकी है, जिसके बाद से यह चयनित अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि यह चयन परीक्षा 8 हजार से अधिक पदों के लिए आयोजित की गई थी।

भर्ती में 50 प्रतिशत पद बैकलॉग के शामिल

उच्च माध्यमिक चयन परीक्षा 2023 में 16 विषयों के लिए हुई परीक्षा के माध्यम से 8,720 पदों की पूर्ति होना थी, जिसमें से 3,700 पद बैकलॉग के थे, मगर पिछड़ा वर्ग के 13% पद होल्ड होने और कुछ पदों पर पात्रता पूरी न करने के कारण कर्मचारी चयन मंडल द्वारा मात्र 4921 अभ्यर्थी की मेरिट लिस्ट जारी की गई है। जिसके बाद से यह आवेदक अपनी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं।

रिजल्ट जारी होने के एक महीने बाद भी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलने का इंतजार है। दूसरी तरफ 1 अप्रैल से स्कूलों में नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा हैं। एक अभ्यर्थी ने बताया कि स्कूलों में रिक्त पदों से पढ़ाई प्रभावित न हो, सरकारी स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति हो इसलिए इस बार पात्रता एवं चयन दो-दो परीक्षा लेकर किया गया हैं, इस चयन प्रक्रिया में ही चयनित शिक्षकों के 15 महीने बीत गए।

स्कूल शिक्षा विभाग के जनजातीय कार्य विभाग के पात्रता शिक्षक भर्ती 2018 के करीब 7 हजार चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के इंतजार में है। काउंसलिंग के बाद इन्हें नियुक्ति दी जानी थी. लेकिन यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई। 

कैसे अटक गई नियुक्तियां ? 

शिक्षित युवाओं ने 10 वर्षों तक शिक्षक भर्ती आने का इंतजार किया। लंबे इंतजार के बाद 2018 में 17 हजार पदों पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा और 2200 पदों पर जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई। कर्मचारी चयन मंडल ने फरवरी 2019 में परीक्षा आयोजित कराई। इसी बीच मध्य प्रदेश में शिवराज के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बदल गई और कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सत्ता में आई। इस दौरान कांग्रेस सरकार ने कई नियमों में परिवर्तन किए। 

11 महीने के बाद मध्य प्रदेश में पुनः सत्ता परिवर्तन हुआ और फिर शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बनकर सत्ता में वापस आ गए। कोरोना महामारी के कारण शिक्षक भर्ती 2018 का रिजल्ट 2 साल के लिए टल गया। लॉकडाउन के बाद जब सब कुछ पटरी पर आने लगा तब चयनित अभ्यर्थियों ने सैकड़ों आंदोलन किए। भोपाल के शाहजहानी पार्क, नीलम पार्क, डीपी‌आई, स्कूल शिक्षा मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्री के आवास के सामने प्रदर्शन किया। 

चयनित शिक्षकों का आरोप था कि स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य दोनों विभागों द्वारा अलग-अलग काउंसलिंग आयोजित की गई। जिसके चलते एक ही अभ्यर्थी का नाम दोनों विभाग में शामिल हो गया और हजारों रिक्त पद पोर्टल पर भरे दिखाई दिए परंतु वास्तव में यह सभी पद रिक्त थे। क्योंकि जिस अभ्यर्थी का नाम स्कूल शिक्षा विभाग में था उसी अभ्यर्थी का नाम जनजाति कार्य विभाग की मैरिट लिस्ट में भी शामिल था।

ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी ने एक ही विभाग में नियुक्ति ली अन्य दूसरे विभाग में पद खाली रहा। "शिक्षक भर्ती नियम पुस्तिका के बिंदु 8.3 में  उल्लेखित है कि एक अभ्यर्थी का नाम एक ही नियोक्ता सूची में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके साथ ही नियम के मुताबिक कुल विज्ञापित 17 हजार पदों में से 15 हजार पदों की पूर्ति पहली काउंसलिंग में की जाएगी और शेष रहे दो हजार पदों की पूर्ति दूसरे चरण में की जानी थी। आजतक यह चरण आयोजित ही नहीं हो सका। 

29 सितंबर 2022 में एक नोटिफिकेशन जारी किया. जिसे नवीन विज्ञप्ति बताया गया और दोनों विभागों ने अपनी सुविधा के हिसाब से संयुक्त काउंसलिंग आयोजित की, स्कूल शिक्षा विभाग ने दो हजार पद न देते हुए नवीन विज्ञप्ति के नाम पर 2750 पदों पर पूर्ति का विज्ञापन जारी किया और योग्यता अर्जन तिथि बढ़ाकर 29 सितंबर 22 कर दी गई। जबकि नियुक्ति 2018 के अभ्यर्थियों को ही दी गई। 

ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि जिन अभ्यर्थियों की योग्यता नहीं थी उन्होंने कैसे आवेदन किया और परीक्षा में बैठे और इसके बाद 2022 में भी नियुक्ति के लिए पात्र हो गए? चयनित अभ्यर्थियों का आरोप है कि जो पद विभाग ने जारी किए थे उन पर पूर्ण तरीके से भर्ती नहीं की है कई विसंगतियां जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की गई है. जिसके कारण वह मेरिट होल्डर होकर भी नियुक्ति लेने से वंचित रह गए है। 

2018 की चयनित अभ्यर्थी रक्षा जैन ने द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए बताया कि चयनित अभ्यर्थी दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर है। कोई भी मंत्री नेता ऐसा नहीं है, जिसके पास वह अपनी बात रखने ना पहुंचे हो, लेकिन उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। 

जैन ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिक्षा मंत्री से भर्ती की विसंगतियों को दूर करने के लिए कई बार सम्बंधित दस्तावेज सहित ज्ञापन सौंपा, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव और लोक शिक्षण संचनालय में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों ने गुमराह किया।  

जैन ने आगे कहा- "सरकार ने समय-समय पर नियमों में संशोधन किया जब अधिकारियों को अवगत कराया तो अधिकारियों द्वारा कोर्ट जाने की सलाह दी गई। प्रशासन की लापरवाही के कारण हम सभी आर्थिक, मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं।" इस संबंध में द मूकनायक प्रतिनिधि ने लोक शिक्षण संचालनालय की सहायक संचालक कामना आचार्य को फोन किया पर उनसे बात नही हो सकी। 


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MPTET : भर्ती- 2023 में लापरवाही:उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती... चयन परीक्षा पिछले वर्ष अगस्त में हुई, 4721 चयनितों को नियुक्ति नहीं मिली

MPTET  : भर्ती- 2023 में लापरवाही:उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती... चयन परीक्षा पिछले वर्ष अगस्त में हुई, 4721 चयनितों को नियुक्ति नहीं मिली

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुए तीन महीने गुजरे लेकिन मप्र उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 में 4721 चयनितों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिले हैं। इसके लिए अभ्यर्थी फिर लामबंद हुए हैं। जून में इस भर्ती का रिजल्ट और चयन सूची जारी कर दी गई थी। लेकिन अब तक इनक

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अभ्यर्थियों ने बताया कि डीपीआई में कोई भी अधिकारी उनसे नहीं मिलता नहीं है। यह भी जवाब नहीं दिया जा रहा है कि उनकी नियुक्ति कब तक होगी। इन अभ्यर्थियों की चयनित सूची करीब सात महीने पहले जारी हुई थी। वर्तमान में स्कूलों में तिमाही परीक्षा और फिर दिसंबर में छह माही परीक्षा आयोजित होंगी। ऐसे में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों का कोर्स भी पिछड़ रहा है।

प्राइवेट स्कूलों से छोड़ी जॉब

अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्होंने सोचा था कि जुलाई में ही उनकी नियुक्ति हो जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में अनेक अभ्यर्थी जो प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे, उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी थी। इसका कारण यह था कि उनकी जगह कोई और नियुक्त हो जाएगा। अगर वे बीच में छोड़ेंगे तो पढ़ाई पर इसका सीधा असर होगा।

उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती फैक्ट फाइल

  1. भर्ती विज्ञापन - दिसंबर 2022
  2. पात्रता परीक्षा - फरवरी 2023
  3. चयन परीक्षा - अगस्त 2023
  4. रिजल्ट व चयन सूची जारी - फरवरी 2024
  5. दस्तावेज सत्यापन - जून 2024

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