Thursday, June 27, 2013

MPTET : टूट रहा है संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों का धैर्य


MPTET : टूट रहा है संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों का धैर्य


Madhya Pradesh Samvida Shikshak Teacher Recruitment News -

भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण ऐसे उम्मीदवार जिन्हें 50 प्रतिशत के टंटे में रोक दिया गया है, का धैर्य अब टूटने लगा है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शासन की ओर से किसी भी प्रकार का संकेत ना मिलने के बाद अब गंभीर आंदोलन की तैयारियां शुरू हो गईं हैं।

अभ्यर्थी अभिषेक कांत पाण्डेय ने भोपालसमाचार.कॉम को भेजे मेल में बताया कि मध्य प्रदेश में व्यापम परीक्षा उतीर्ण योग्य ऐसे बेरोजगारों जिन्होंने बीए व डीएड की डिग्री एनसीटीई के नियमानुसार प्राप्त की लेकिन उन्हें नौकरी इसलिए नहीं दी जा रही है कि उनका पिछली परीक्षा स्नातक या इंटर में 50 प्रतिशत से कम अंक है।

इस कारण से ऐसे हजारों योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर दिया वहीं व्यापम परीक्षा में अनुत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों के हवाले माडल स्कूल सौंप दिया गया है। सरकार की अदूरदर्शिता के चलते व्यापम परीक्षा उतीर्ण बीएड व डीएड डिग्री धारक सड़कों पर आंदोलन करने के लिए बाध्य हो गये हैं।

संविदा शाला वर्ग 1 व 2 हजारों सीटें रिक्त है। जबकि 14 जून 2013 को हाईकोर्ट जबलपुर का एक फैसले में 50 प्रतिशत की बाध्यता को निरस्त कर दिया गया वहीं सरकार को चार हफ्ते में शीध्र भर्ती करने को आदेश भी दिया गया है।

इसके बावजूद व्यापम परीक्षा में अनुतीर्ण कुछ अतिथि शिक्षक को माडल स्कूल में पढ़ाने का दायित्व सौंपा गया है। जबकि प्रदेश में हजारों योग्या व्यापम परीक्षा उतीर्ण बीएड एवं डीएड योगयातधारी की अनदेखी की जा रही है।

व्यापम परीक्षा उमीर्ण और संविदा शाला वर्ग दो के उम्मीदवार मनीष नामदेव को कहना है कि जब हमने एनसीटीई के नियमानुसार बीएड का प्रशिक्षण स्नातका में 50 प्रतिशत से कम अंक में किया और बीएड उतीर्ण के साथ व्यापम की परीक्षा उतीर्ण की है तो सरकार हमारी अनदेखी नहीं कर सकती है। अगर जल्द सरकार चेती नहीं तो हम फिर अपने हक के लिए सड़को पर उतरेंगें



Sunday, June 23, 2013

MPTET : संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में TET को शामिल किए जाने की मांग


MPTET : संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में TET को शामिल किए जाने की मांग


भोपाल। छिंदवाड़ा के TET पास अभ्यर्थियों ने भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजे एक ज्ञापन में TET पास अभ्यर्थियों को भी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत हो रहीं संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की है।

उन्होंने अपने ज्ञापन में लिखा है कि मप्र में R.T.E. के अंतर्गत शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जारी है। जिसे मप्र शासन केन्द्र सरकार के नियमानुसार प्रक्रिया पुर्ण करा रहा है। जिसमें प्राथमिक शिक्षा स्तर (कक्षा 1 से 5 तक) के लियें B.ed. डिग्रीधारी अभ्यर्थी जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण की है। ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या म.प्र. में आवश्यकता से अधिक है परन्तु म.प्र. सरकार केन्द्र सरकार के नियमों का हवाला देतें हुये, यह कह रही है, कि ‘‘B.ed. डिग्री ऊंची है। जिसे प्राथमिक शिक्षा स्तर पर नहीं माना जा सकता’। ऐसा कह कर भर्ती प्रक्रिया में शामिल नही किया गया।

अब तक भर्ती प्रक्रिया का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है। तथा 50 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं। इन खाली पदों पर मप्र सरकार द्वारा अप्रशिक्षित (Non. B.ed./D.ed.) अभ्यर्थी जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (T.E.T.) उत्तीर्ण की हैं। ऐसे अभ्यर्थियों को दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुमति मांगी गई है। ऐसा स्थानीय समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से ज्ञात हुआ हैं।

आज म.प्र. में B.ed. डिग्री धारियों की संख्या आवश्यकता से अधिक है तथा इन्होंने प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परिक्षा (T.E.T.) अच्छे अंको के साथ उत्तीर्ण की है। ‘‘परंतु बेतुका नियम कि उच्च डिग्री धारी (B.ed.) प्राथमिक कक्षा को नहीं पढ़ा सकते’’ प्रथम चरण व अब द्वितीय चरण में भी इन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा रहा हैं । जो कि इनके साथ बहुत बड़ा अन्याय है।

आज की स्थिति में मप्र में ऐसे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थीयों की संख्या हजारों हैं। जिन्होंने षिक्षक पात्रता परीक्षा (T.E.T.) उत्तीर्ण की हैं तथा वर्ष 2006 (दो हजार छह) के बाद B.ed./D.ed. किया है , परन्तु उनके स्नातक/ हाय. सेकण्डरी में 50 प्रतिषत से कम अंक है तथा उन्हें शैक्षणिक योग्यता में 5 प्रतिशत की छुट न देते हुयें ऐसे हजारों अभ्यर्थीयों को षिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल नही किया गया है।

उसी प्रकार ऐसी महिलाएं भी जो आरक्षित वर्ग से हैं तथा अन्य राज्य से विवाह कर आई है एवं वर्तमान में मध्यप्रदेश की मूल निवासी है उन्हे भी आरक्षण का लाभ न देते हुये भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया हैं।

ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में D.P.E. डिप्लोमा तथा ऐसे अन्य समकक्ष डिप्लोमाधारी जो कि प्राथमिक स्तर तक मान्य हैं । उन्हें हायस्कुल(9 वी. / 10 वी.) के लियें भर्ती में शामिल किया गया है। परन्तु आश्चर्य हैं कि B.ed. डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्तर के लियें योग्य नहीं समझा जा रहा हैं। इस संबंध में मा. उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश द्वारा भी B.ed. डिग्री धारियों को प्रथम चरण में शामिल करने हेतु निर्णय दिया गया जिसे म.प्र सरकार नहीं मान रही है।

अतः सनम्र निवेदन हैं कि, प्राथमिक षिक्षक भर्ती प्रक्रिया में B.ed. डिग्रीधारियों को प्राथमिकता देते हुयें भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जायें। जिससे कि विगत दिनों माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा गुजरात राज्य के संबंध में दियें गयें निर्णय का पालन हो सके और षिक्षक भर्ती प्रक्रिया में प्रषिक्षित षिक्षकों कि ही भर्ती हो सके